Retirement Planning. नौकरी लगते ही रिटायरमेंट की प्लानिंग? ये थोड़ा अजीब जरूर लग सकता है लेकिन बुढ़ापा आराम से कटे इसके लिए अगर समय पर निवेश शुरू कर दिया जाए तो रिटायरमेंट के बाद आपके हाथ में अच्छी खासी रकम हो सकती है. इस मामले में कुछ बातों का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी है.
पहली कमाई, पहला निवेश
एक्सपर्ट्स का कहना है कि पहली कमाई से ही रिटायरमेंट की प्लानिंग करना अच्छा रहता है. इसके लिए बड़ी राशि की जरूरत नहीं है. क्षमता के मुताबिक निवेश शुरू किया जा सकता है. अगर आप करियर के शुरुआती दौर में रिटायरमेंट के लिए निवेश शुरू करते हैं तो आपको कंपाउंडिंग (Compounding) का फायदा भी ज्यादा मिलता है.
कंपाउंडिंग यानी चक्रवृद्धि ब्याज. मूलधन में आपका ब्याज भी जुड़ता जाता है और इस हिसाब से हर साल का ब्याज भी बढ़ता जाता है. निवेश करने में जितनी ही देरी होती है ये फायदा उतना ही कम हो जाता है.
किन बातों का रखें ध्यान?
रिटायरमेंट की प्लानिंग करते वक्त सबसे पहले तो आपको जरूरी और इमर्जेंसी खर्च (Emergency Fund) का कैलकुलेशन कर लेना चाहिए. ऐसा करने पर रिटायरमेंट फंड में एक निश्चित निवेश करने पर आपको परेशानी नहीं होगी. दूसरी बात ये कि कोशिश करें कि अपनी आय में से 10% रकम आप रिटायरमेंट के लिए बचाएं और इसे सही जगह पर निवेश करें. इससे रिटायरमेंट के वक्त आपके हाथ में अच्छी-खासी रकम होगी. तीसरी बात ये है कि सरकारी योजनाओं (Government Schemes) को अपने प्लान में शामिल करें. इसमें PPF और NPS जैसी योजनाएं हो सकती हैं. इसमें आपको रिटर्न भी मिलेगा और टैक्स में छूट का फायदा भी मिलता रहेगा.
रिटायरमेंट प्लानिंग में ये भी जरूरी है कि आप अपने फंड की समीक्षा करते रहें. यानी अगर कोई निवेश फायदा नहीं दे रहा है तो आप वहां निवेश कम करके जहां ज्यादा रिटर्न मिल रहा है वहां उसे बढ़ा सकते हैं. LIC की सरल पेंशन योजना (LIC Saral Pension Yojana), प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (Pradhan Mantri Vaya Vandan Yojna), वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (Senior Citizen Saving Scheme) और अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana) भी कुछ सरकारी स्कीम्स हैं जिसमें नियमित निवेश से अच्छा रिटर्न भी मिलता है और टैक्स में छूट भी मिलती है.