SEBI Order on Jane Street. फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग (F&O Trading) की दुनिया में भूचाल लाने वाले जेन स्ट्रीट ग्रुप पर नकेल कसने की शुरुआत हो चुकी है. SEBI (Securities and Exchange Board of India) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए जेन स्ट्रीट ग्रुप (जिसमें JSI इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, JSI2 इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, जेन स्ट्रीट सिंगापुर प्राइवेट लिमिटेड और जेन स्ट्रीट एशिया ट्रेडिंग लिमिटेड शामिल हैं) के खिलाफ एक अंतरिम आदेश जारी किया है. उन पर आरोप है कि उन्होंने 1 जनवरी 2023 से 31 मार्च 2025 के बीच भारतीय डेरिवेटिव बाजार, खासकर बैंक निफ्टी (BANK NIFTY) इंडेक्स ऑप्शंस में हेरफेर की.
मामले की शुरुआत कैसे हुई?
इस जांच की शुरुआत अमेरिका में चल रहे एक कानूनी विवाद की मीडिया रिपोर्ट्स के बाद हुई. रिपोर्ट्स में कहा गया था कि जेन स्ट्रीट की खास रणनीतियों को चुराकर भारतीय बाजारों में गलत तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा था. इसी के बाद SEBI ने भारत में जेन स्ट्रीट की अपनी गतिविधियों की जांच शुरू की.
शुरुआती जांच में SEBI ने कुछ अजीब चीजें देखीं: इंडेक्स ऑप्शंस में बहुत बड़े कैश के सौदे, वीकली एक्सपायरी के दिनों में संदिग्ध ट्रेडिंग पैटर्न, और कैश और फ्यूचर्स बाजारों में संभावित बाजार हेरफेर जिसने इंडेक्स ऑप्शन की कीमतों को प्रभावित किया.
कुछ अहम आंकड़े
जांच के दौरान जेन स्ट्रीट ग्रुप का कुल मुनाफा ₹36,502.12 करोड़ था, जिसमें से:
- ₹43,289.33 करोड़ सिर्फ इंडेक्स ऑप्शंस (खासकर बैंक निफ्टी) से कमाए गए.
- उन्हें स्टॉक फ्यूचर्स में ₹7,208.23 करोड़ और कैश सेगमेंट में ₹288.17 करोड़ का नुकसान हुआ.
17 जनवरी 2024 (बैंक निफ्टी की एक्सपायरी का दिन) को, जेन स्ट्रीट ने महज एक दिन के भीतर ₹734.93 करोड़ का मुनाफा कमाया. SEBI ने इस दिन को अपनी विस्तृत जांच के लिए एक मिसाल के तौर पर चुना.
काम करने का तरीका: “इंट्रा-डे इंडेक्स मैनिपुलेशन” रणनीति
SEBI ने हेरफेर की दो-चरणीय रणनीति का पता लगाया:
पहला चरण (सुबह 09:15 बजे से 11:47 बजे तक): इंडेक्स को ऊपर ले जाना
- जेन स्ट्रीट ने कैश और फ्यूचर्स बाजार में बैंक निफ्टी के घटक शेयरों और फ्यूचर्स को ₹4,370 करोड़ में आक्रामक तरीके से खरीदा.
- उनके खरीद ऑर्डर ज्यादातर शेयरों में बाजार के कुल वॉल्यूम का 15-25% थे.
- ये खरीद ऑर्डर लेटेस्ट ट्रेडेड प्राइस (LTP) पर या उससे ऊपर लगाए गए थे, जिससे कीमतें ऊपर गईं.
- साथ ही, उन्होंने बैंक निफ्टी ऑप्शंस में बड़े पैमाने पर मंदी की पोजीशन बनाई:
- कॉल ऑप्शंस बेचे (जो इंडेक्स गिरने पर सस्ते हो जाते हैं).
- पुट ऑप्शंस खरीदे (जो इंडेक्स गिरने पर महंगे हो जाते हैं).
- बैंक निफ्टी ऑप्शंस में उनका कुल शॉर्ट एक्सपोजर ₹32,114 करोड़ था, जो उनकी लॉन्ग स्टॉक पोजीशन के साइज का 7.3 गुना था.
दूसरा चरण (सुबह 11:47 बजे से बाजार बंद होने तक): गिराना और मुनाफा कमाना
- जेन स्ट्रीट ने अपनी लॉन्ग पोजीशन को तेजी से खत्म किया, जिससे इंडेक्स में तेज गिरावट आई.
- गिरते इंडेक्स के कारण उनके पुट ऑप्शंस की कीमत तेजी से बढ़ी और कॉल ऑप्शंस गिर गए.
- हालांकि उन्हें स्टॉक और फ्यूचर्स पोजीशन में नुकसान हुआ, लेकिन इंडेक्स ऑप्शंस में हुए मुनाफे ने उन नुकसानों को कहीं ज्यादा पीछे छोड़ दिया, जिससे उन्हें भारी मुनाफा हुआ.
बाजार और छोटे निवेशकों पर असर
इस रणनीति ने सुबह में बाजार में तेजी का झूठा एहसास पैदा किया, जिससे छोटे निवेशक कॉल ऑप्शंस में फंस गए.
एक बार जब बाजार पलटा, तो इन छोटे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ, जबकि जेन स्ट्रीट ने उस गलत कीमत से मुनाफा कमाया जिसे बनाने में उन्होंने मदद की थी.
एक्सपायरी के दिन (17 जनवरी 2024 को):
- बैंक निफ्टी ऑप्शंस का कारोबार ₹1.03 लाख करोड़ था, जो अंडरलाइंग शेयरों के संयुक्त कैश और फ्यूचर्स कारोबार से 98 गुना ज्यादा था.
- ऑप्शंस में 16 लाख से ज्यादा ट्रेडर्स ने भाग लिया, जबकि कैश में केवल 4,675 और फ्यूचर्स में 26,593 थे – ये दर्शाता है कि कैसे कुछ लोग (जैसे जेन स्ट्रीट) कीमतों को प्रभावित कर सकते थे जिससे लाखों लोगों पर असर पड़ा.
कार्रवाई (SEBI Action on Jane Street)
SEBI ने निष्कर्ष निकाला कि जेन स्ट्रीट की गतिविधियां, धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार प्रथाओं (PFUTP) विनियमों का उल्लंघन करती हैं.
फरवरी 2025 में रेगुलेटरी चेतावनी के बावजूद, जेन स्ट्रीट ने वही ट्रेडिंग पैटर्न जारी रखा.
इसलिए, SEBI ने अंतरिम निर्देश जारी करने के लिए SEBI अधिनियम की धारा 11(1), 11(4), 11B(1), और 11D का इस्तेमाल किया, जिसमें संभावित जेन स्ट्रीट को ट्रेडिंग से बैन करने के साथ-साथ आगे की जांच शामिल है.
SEBI ने अपने आदेश में, गैर-कानूनी तरीके से कमाए 4,843.57 करोड़ रुपये के फायदे को जब्त करने की बात भी कही है.
जेन स्ट्रीट पर SEBI का अंतरिम आदेश, एल्गोरिदमिक और क्रॉस-मार्केट हेरफेर के सबसे विस्तृत और डेटा-आधारित मामलों में से एक है. इसका पैमाना (इंडेक्स ऑप्शंस में ₹43,000+ करोड़ का मुनाफा), तरीका (इंट्राडे इंडेक्स में छेड़छाड़), और नियमों के उल्लंघन ने भारत के बाजार निगरानी इतिहास में एक मिसाल कायम की है.
SEBI का पूरा ऑर्डर यहां देखें.