What is IPO- Explainer. पिछले 2-3 साल में IPO की दुनिया अचानक तूफानी हो गई है. हाल में Tata Technologies के IPO की जबरदस्त लिस्टिंग के बाद तय मानिए कि IPO को लेकर रिटेलर्स की दिलचस्पी कम होने वाली नहीं है. अगर आप शेयर बाजार (Share Market) की दुनिया में नए हैं और पैसा बनाने की सोच रहे हैं तो आपको IPO के बारे में जान लेना चाहिए. ये क्या होता है और एक निवेशक के तौर पर इसका फायदा-नुकसान क्या है?
IPO क्या है?
IPO का मतलब है Initial Public Offer यानी ऐसी प्रक्रिया जिसके माध्यम से कोई कंपनी पहली बार जनता को अपने शेयर जारी करती है. IPO लाने से पहले तक ये एक प्राइवेट कंपनी होती है, जिसका मालिकाना हक चुनिंदा लोगों के पास होता है. लेकिन IPO के आते है कंपनी ‘पब्लिक’ हो जाती है. जो लोग किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं, वो उतने हिस्से के मालिक बन जाते हैं. कंपनी के नफा-नुकसान में उनकी उतनी ही भागीदारी हो जाती है. अगर कंपनी पैसा बनाती है तो निवेशक को भी उसका मुनाफा होता है. कंपनी नुकसान में जाती है और शेयर का भाव टूटता है, तो उसका असर निवेशक के इन्वेस्टमेंट पर भी होता है.
IPO मिलता कैसे है?
यहां भी डिमांड और सप्लाई का सिद्धांत लागू होता है. अगर किसी कंपनी को लेकर निवेशकों में बहुत उत्साह है तो उसके लिए मांग बढ़ना लाजिमी है. उदाहरण के लिए टाटा टेक के हालिया IPO की मांग, सप्लाई के मुकाबले 70 गुना रही. यानी, ये IPO करीब 70 गुना सब्सक्राइब हुआ. जाहिर है, हर आवेदक को तो IPO लगेगा नहीं. तो इसका फैसला होता है कंप्यूटर लॉटरी सिस्टम से. किसी की किस्मत खुलती है, किसी की नहीं.
आप अपने ब्रोकर के जरिए IPO के लिए आवेदन कर सकते हैं. आजकल ये पूरा प्रोसेस बड़ी आसानी से ब्रोकर/डीमैट ऐप पर ही हो जाता है. आप चाहें तो अपने बैंक के माध्यम से भी अप्लाई कर सकते हैं. लेकिन ध्यान रहे कि इसके लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना जरूरी है.
भारतीय बाजार में आने वाले IPO का लॉट साइज इस तरह डिजाइन किया गया है कि एक लॉट की एप्लिकेशन के लिए करीब 14 से 15 हजार रुपये के बीच का निवेश करना होता है. अलॉटमेंट के बाद होती है एक्सचेंज पर लिस्टिंग. यानी, NSE/BSE पर लिस्टिंग के दिन से कोई भी बाजार में उस कंपनी के शेयरों में ट्रेड या इन्वेस्ट कर सकता है. और किसी भी तादाद में कर सकता है. कभी-कभी कुछ कंपनियों की लिस्टिंग धमाकेदार होती है. हाल के दिनों में IREDA और टाटा टेक दोनों की लिस्टिंग दमदार रही. IREDA की लिस्टिंग 56.25% के प्रीमियम पर हुई तो टाटा टेक की 140% प्रीमियम पर यानी लिस्टिंग के दिन ही निवेशकों का पैसा दोगुने से ज्यादा बढ़ गया.
कंपनी और निवेशकों के लिए IPO कितना फायदेमंद?
जब कोई कंपनी IPO पेश करती है तो उसे फंडिंग मिलती है, जिसकी मदद से वो अपने मौजूदा कामकाज और नए प्रोजेक्ट्स पर पैसा खर्च कर कंपनी को तरक्की के रास्ते पर ले जाती है. साथ ही इससे कंपनी की साख भी बढ़ती है. जब कंपनी शेयर से मिले पैसों की मदद से बिजनेस बड़ा करने में कामयाब होने लगती है तो उसका फायदा निवेशक को भी होता है.
IPO में नुकसान भी होता है?
IPO लाने के बाद कंपनी के लिए सबसे जरूरी बात अपनी विश्वसनीयता को बनाए रखना होता है, क्योंकि एक बुरी खबर कंपनी के शेयर को जमीन पर ला सकती है. साथ ही, अब कंपनी पर ये भी जिम्मेदारी आती है कि वो निवेशकों के पैसे को बढ़ाने के लिए बेहतर प्लानिंग के साथ काम करे. ये तभी होगा जब कंपनी की आय और मुनाफा बढ़ेंगे.
कभी-कभी, कुछ कंपनियों की लिस्टिंग तो धमाकेदार होती है लेकिन बाद में शेयर प्राइस (Share Price) IPO के भाव से बहुत नीचे गिर जाता है. उदाहरण के लिए, Paytm, Nykaa, Zomato जैसी कंपनियों के शेयरों के भाव, IPO के बाद काफी नीचे तक गिर गए थे. ऐसे में निवेशकों को जोखिम उठाने के लिए भी तैयार रहना चाहिए.