अदाणी ग्रुप का अगले 10 साल में ₹7 लाख करोड़ के निवेश का दावा, बताया मेगा इन्वेस्टमेंट का पूरा प्लान

अगले 10 साल में 7 लाख करोड़ रुपये ($84 बिलियन) का भारीभरकम निवेश! कुछ यही दावा किया है अदाणी ग्रुप (Adani Group) के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर जुगेशिंदर सिंह ने. 

सेब से सीमेंट तक के कारोबार में दखल रखने वाले अदाणी ग्रुप की ओर से बीते कुछ महीनों में ये सबसे बड़ा ऐलान है. इंडस्ट्री के एक इवेंट में जुगेशिंदर ने कहा, “हम 20 लाख करोड़ रुपये के निवेश की क्षमता रखते हैं लेकिन इसके लिए अभी बेहतर क्वालिटी के वेंडर उपलब्ध नहीं हैं. जैसे-जैसे हम वेंडर पूल को बढ़ाएंगे, वैसे-वैसे हमारा कैपिटल एक्सपेंडिचर भी बढ़ेगा. अगर हम अपनी बुनियादी ताकत यानी इंफ्रा प्रोजेक्ट्स के एग्जीक्यूशन और ऑपरेशंस को मैनेज कर लेते हैं, तो 25 साल की अवधि में हम 80 लाख करोड़ का निवेश करेंगे.”

फंड जुटाने पर क्या कहा?

फंडिंग के मुद्दे पर बात करते हुए CFO जुगेशिंदर सिंह (Jugeshinder Singh) ने कहा कि पूंजी जुटाने के लिए अदाणी ग्रुप की 6 कंपनियां बॉन्ड मार्केट का रुख करेंगी. 80% पूंजी, ग्लोबल कैपिटल मार्केट में डेट के जरिए जुटाई जाएगी और बाकी घरेलू स्रोतों से. 

अदाणी विल्मर (Adani Wilmar) में विनिवेश के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस बारे में फैसला अगले 3 महीनों में ले लिया जाएगा. आपको बता दें कि फॉर्चून जैसे बड़े ब्रांड वाली अदाणी विल्मर में अदाणी की 43.97% हिस्सेदारी है और लंबे वक्त से चर्चा है कि ग्रुप अपनी हिस्सेदारी बेचकर इस बिजनेस से बाहर निकलना चाहता है.

सुप्रीम कोर्ट में अब तक

इसी साल जनवरी में हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद ग्रुप कंपनियों के शेयरों में भूचाल आ गया था. ग्रुप के फाइनेंशियल्स और साख, दोनों पर करारी चोट की गई. मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और अभी सर्वोच्च अदालत की ओर से अंतिम फैसला आना बाकी है. हालांकि, कोर्ट ने 24 नवंबर को हुई सुनवाई में अदाणी ग्रुप को ये कहकर जरूर राहत पहुंचाई कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट (Hindenburg Report) को पूर्ण सत्य के तौर पर नहीं माना जा सकता. देश की एजेंसियां ही इस सत्य की पड़ताल करेंगी.

इसके बाद जब सोमवार यानी 27 नवंबर को बाजार खुले तो अदाणी ग्रुप की सभी कंपनियों में तूफानी तेजी देखी गई. अगले दिन भी कुछ हद तक ये तेजी बरकरार रही. इसके दम पर चेयरमैन गौतम अदाणी (Gautam Adani), दुनिया के टॉप 20 अमीरों की लिस्ट में वापसी में भी कामयाब रहे.

अब सबकी निगाहें उच्चतम न्यायालय के अंतिम फैसले पर हैं ताकि अदाणी ग्रुप पर पसोपेश की स्थिति पूरी तरह साफ हो सके.

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