Interim Budget Vs Full Budget. देश में आजादी के बाद से अब तक कुल 75 सालाना बजट पेश किए गए हैं. इसके अलावा 14 अंतरिम बजट पेश हुए हैं. इस साल लोकसभा चुनाव के कारण सरकार अंतरिम बजट लेकर आएगी. वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम बजट की तैयारी शुरू कर दी है. आम बजट में सरकार की कमाई और खर्च का एक साल का खाका होता है. जबकि अंतरिम बजट उससे अलग होता है. ये हर साल पेश नहीं किया जाता. आइए समझते हैं कि अंतरिम बजट कैसे अलग है?
क्या होता है अंतरिम बजट?
अंतरिम बजट आम तौर पर चुनावी साल में पेश किया जाता है. चुनाव से पहले की अवधि के खर्चों को पूरा करने के लिए मौजूदा सरकार इसे लेकर आती है. इसमें सरकार किसी भी बड़े नीतिगत बदलाव और नए नियम या संशोधन पेश करने से बचती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि, चुनाव के बाद जो सरकार चुनकर आती है, वही पूर्ण बजट पेश करती है. 7 दिसंबर को एक कार्यक्रम के दौरान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) भी कह चुकी हैं कि इस बार बजट में कोई बड़ी घोषणा होने नहीं जा रही. वित्त मंत्री ने CII ग्लोबल इकोनॉमिक पॉलिसी फोरम को संबोधित करते हुए कहा कि मैं आपकी उम्मीदें तोड़ना नहीं चाहती लेकिन एक फरवरी 2024 को पेश होने वाला बजट सिर्फ वोट ऑन अकाउंट है. नई सरकार का गठन होने तक, सरकारी कामकाज और खर्चे पूरे करने के लिए अंतरिम बजट पेश किया जा रहा है.
2019 के अंतरिम बजट में क्या हुआ था?
माना जा रहा है कि मोदी सरकार इस अंतरिम बजट में चुनाव से पहले लोकलुभावन घोषणाएं भी कर सकती हैं. पिछली बार 2019 में जब मोदी सरकार ने अंतरिम बजट पेश किया था तब उसमें ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान’ योजना लाने का ऐलान किया गया था. जिसका मोदी सरकार को जबरदस्त चुनावी फायदा भी मिला था. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि वित्त मंत्री के कहे अनुसार सरकार बड़ी घोषणाओं से बचेगी या ऐन वक्त पर आम जनता को कुछ तोहफे मिलेंगे.