साउथ कोरिया के फाइनेंशियल ग्रुप मिराय एसेट (Mirae Asset) ने भारतीय स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी शेयरखान (ShareKhan) को BNP Paribas से खरीद लिया है. इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, ये पूरी डील ₹3,000 करोड़ में हुई है. मिराय एसेट इस बारे में साउथ कोरियन स्टॉक एक्सचेंज को जल्द औपचारिक जानकारी देगी.
BNP Paribas ने 2016 में शेयरखान को खरीदा
2016 में फ्रेंच फर्म BNP Paribas ने शेयरखान को प्राइवेट इक्विटी कंपनियों से खरीदा था. इनमें शामिल थीं- सिटी वेंचर कैपिटल इंटरनेशनल, बेयरिंग एशिया प्राइवेट इक्विटी और समारा कैपिटल. उस वक्त ये डील ₹2,100 करोड़ में हुई थी.
शेयरखान के बिकने की चर्चा कई महीनों से चल रही थी. इस दौड़ में नई नवेली जियो फाइनेंशियल (Jio Financial Services) का नाम भी उछल रहा था, लेकिन अंत में बाजी मारी मिराय एसेट ने.
कहा जा रहा है कि BNP Paribas स्टॉकब्रोकिंग की बजाय बैंकिंग बिजनेस पर फोकस करना चाहती है. 2016 में शेयरखान के अधिग्रहण से पहले कंपनी ने कोच्चि बेस्ड जियोजीत सिक्योरिटीज (Giojit Securities) में भी 34% हिस्सेदारी खरीदी थी. हालांकि, बाद में ये हिस्सेदारी शेयरखान को बेच दी गई थी.
2000 में हुई शेयरखान की स्थापना (Sharekhan Founded in 2000)
शेयरखान की गिनती देश के चुनिंदा न्यू एज ब्रोकर्स में होती है. ये उन पहली कतार की कंपनियों में शामिल रही जिसने देश में ऑनलाइन ट्रेडिंग की शुरुआत की. कंपनी के पास आज भी 130 ब्रांच का बड़ा नेटवर्क है. इसकी स्थापना साल 2000 में श्रीपाल मोरखिया ने की थी.
फिलहाल शेयरखान के पास 6 लाख से ज्यादा एक्टिव क्लाइंट हैं. वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी ने करीब ₹171 करोड़ का नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जो FY22 के ₹225 करोड़ के मुकाबले 25% कम रहा.
आपको बता दें कि साल 2022 में Mirae Asset ने m.Stock नाम से खुद का ब्रोकिंग बिजनेस भी शुरू किया है. माना जा रहा है कि शेयरखान का अधिग्रहण उसी के विस्तार में एक अहम कदम है.