Full Service Broker Vs Discount Broker. शेयर बाजार में निवेश करने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है. कोरोना काल के पहले की तुलना में अभी लोग अधिक संख्या में अपने पैसे स्टॉक मार्केट और अलग-अलग फंड में लगा रहे हैं. एक आम निवेशक पैसा लगाने से पहले ब्रोकर की जांच-परख करना भी चाहता है. ब्रोकर और ट्रेडिंग-इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म को लेकर उसके मन में कई सवाल होते हैं क्योंकि 100 से ज्यादा मेनस्ट्रीम ब्रोकर ग्राहकों को लुभाने की दौड़ में शामिल हैं. चलिए समझते हैं कि ब्रोकर कितने तरह के होते हैं और आपके लिए कौन सा ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म सही रहेगा.
डिस्काउंट ब्रोकर बनाम फुल सर्विस ब्रोकर
बाजार में मोटे तौर पर दो तरह के ब्रोकर मौजूद हैं. फुल सर्विस ब्रोकर और डिस्काउंट ब्रोकर. 10 साल पहले फुल सर्विस ब्रोकर्स की तादाद कहीं ज्यादा हुआ करती थी. लेकिन आज का दौर डिस्काउंट ब्रोकर्स का है.
डिस्काउंट ब्रोकर्स ने आधे मार्केट शेयर पर कब्जा कर लिया है. फुल सर्विस ब्रोकर उस तरह के ब्रोकर को कहा जाता है, जो आपको ट्रेडिंग करने के लिए प्लेटफॉर्म के साथ सलाह भी मुहैया कराता है. वो बताता है कि आप किस शेयर में पैसा लगाकर अधिक रिटर्न बना सकते हैं. उसके लिए ये ब्रोकरेज फर्म चार्ज वसूलती हैं. देश के अलग-अलग शहरों में शाखाएं होती है. वहीं अगर हम डिस्काउंट ब्रोकर की बात करें तो ये आपको सिर्फ एक सॉफ्टवेयर और कहां आप ट्रेड कर सकते हैं, उससे जुड़ा प्लेटफॉर्म प्रदान करते हैं. ये आपको ना ही निवेश के लिए कोई सलाह देते हैं और ना ही उसका चार्ज वसूलते हैं. आज के समय में लोग खुद के रिसर्च के दम पर निवेश कर रहे हैं और ठीक-ठाक रिटर्न भी बना रहे हैं.
किसे चुनना चाहिए?
- अगर आप नए हैं और शुरुआत में आपको रिसर्च का समय नहीं मिल पा रहा है तो आप फुल-सर्विस ब्रोकर की मदद ले सकते हैं. फुल-सर्विस ब्रोकर अपने कौशल की मदद से रिसर्च करते हैं और फिर उसे आपसे साझा करते हैं. उनकी रिसर्च टीमें बाजार के रुझानों और कंपनी के फंडामेंटल्स का एनालिसिस करती हैं, जिससे आपको निवेश से जुड़े फैसले लेने में मदद मिलती है.
- वहीं, वे लोग जिन्हें शेयर बाजार का ज्ञान है और खुद से रिसर्च करने का समय है, वो डिस्काउंट ब्रोकर की मदद से निवेश शुरू कर सकते हैं. कई निवेशक आज अपने स्वयं की रिसर्च के दम पर निवेश कर रहे हैं.
- ब्रोकरेज चार्ज: फुल सर्विस ब्रोकर चुनते समय ये जरूर ध्यान रखें कि एडवाइजरी फीस के अलावा यहां ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट के लिए कितना ब्रोकरेज लिया जा रहा है. यहां कई बार ऑप्शंस के मामले में प्रति ऑर्डर की जगह प्रति लॉट के हिसाब से ब्रोकरेज वसूला जाता है. उदाहरण के लिए अगर आप एक डिस्काउंट ब्रोकर के साथ निफ्टी के 300 क्वांटिटी खरीदते हैं तो ब्रोकरेज 20 रुपये लगेगा (ज्यादातर ब्रोकर), वहीं फुल सर्विस ब्रोकर में यही चार्ज 80 रुपये हो सकता है (75 का लॉट साइज, 75*4= 300).
- कुछ फुल सर्विस ब्रोकर: IIFL, Motilal Oswal, ICICI Direct, HDFC Securities, Angel One
- कुछ डिस्काउंट ब्रोकर: Zerodha, Groww, Upstox, Fyers, Kotak Neo