F&O का चक्रव्यूह: आप निवेशक हैं या ट्रेडर? दांव लगाने से पहले जानें कैश मार्केट से कितना अलग है ये खेल

F&O Trading Explainer. सोचिए अगर आप महज अंदाजा लगाकर किसी कंपनी के शेयरों की चाल से मुनाफा कमा सकें, बिना उन शेयरों को खरीदे! जी हां, शेयर बाजार की दुनिया में ये मुमकिन है और इसी रोमांचक खेल का नाम है – फ्यूचर और ऑप्शन (F&O) ट्रेडिंग. ये सिर्फ खरीद-फरोख्त नहीं, बल्कि भविष्य की कीमतों पर लगने वाला एक दांव है, जो आपको बहुत तेजी से अमीर बना सकता है या फिर आपकी पूंजी डुबो भी सकता है.

F&O, जिन्हें डेरिवेटिव भी कहा जाता है, असल में दो पक्षों के बीच होने वाले वित्तीय अनुबंध (Financial Contract) हैं. इनकी खुद की कोई कीमत नहीं होती, बल्कि ये अपना मूल्य किसी और संपत्ति से प्राप्त करते हैं, जिसे ‘अंडरलाइंग एसेट’ (Underlying Asset) कहते हैं. ये एसेट कोई शेयर, बाजार का सूचकांक (जैसे निफ्टी या सेंसेक्स), सोना-चांदी जैसी कमोडिटी या फिर ETF भी हो सकता है.

कॉल और पुट का चक्रव्यूह: कैसे साधें निशाना?

ऑप्शन ट्रेडिंग में दो मुख्य हथियार होते हैं – कॉल (Call) और पुट (Put).

यहां ये समझना जरूरी है कि आप सिर्फ कॉल और पुट खरीद ही नहीं सकते, बल्कि बेच भी सकते हैं, जिसे ‘राइटिंग’ (Option writing or call writing or put writing) कहते हैं. हालांकि, ऑप्शन बेचना कहीं ज्यादा जोखिम भरा काम है और इसे अक्सर प्रोफेशनल ट्रेडर्स ही करते हैं. आम ट्रेडर अधिकतर खरीदारी करके ही अपनी किस्मत आजमाते हैं.

एक जरूरी बात: ऑप्शन खरीदने का मतलब ये कतई नहीं है कि आप उस कंपनी में हिस्सेदार बन गए हैं. आपको न तो वोटिंग का अधिकार मिलता है और न ही कंपनी द्वारा दिए जाने वाले डिविडेंड (लाभांश) पर आपका कोई हक होता है. आप सिर्फ कीमत के उतार-चढ़ाव पर दांव लगा रहे होते हैं.

सिद्धांतों को समझना एक बात है, लेकिन असल बाजार में ये कैसे काम करता है? आइए, एक उदाहरण से कॉल और पुट की पूरी कहानी को समझते हैं, लेकिन उससे पहले तीन शब्दों का मतलब जानना बेहद जरूरी है: स्ट्राइक प्राइस, प्रीमियम और एक्सपायरी.

अब आते हैं उदाहरण पर–

मान लीजिए, एक कंपनी “ABC लिमिटेड” का शेयर अभी ₹200 पर ट्रेड कर रहा है. F&O में शेयर हमेशा ‘लॉट’ में खरीदे-बेचे जाते हैं. मान लेते हैं कि ABC लिमिटेड का एक लॉट 100 शेयरों का है.


उदाहरण 1: कॉल ऑप्शन (जब आपको तेजी की उम्मीद हो)

आपकी रिसर्च कहती है कि अगले कुछ दिनों में कंपनी के नतीजे अच्छे आने वाले हैं और शेयर का भाव ₹200 से काफी ऊपर जाएगा. आप इस तेजी का फायदा उठाना चाहते हैं, लेकिन ₹20,000 (₹200 x 100 शेयर) लगाकर पूरे शेयर नहीं खरीदना चाहते. आप ऑप्शन का रास्ता चुनते हैं.

अब एक्सपायरी पर दो स्थितियां हो सकती हैं:

स्थिति 1: भविष्यवाणी सही हुई (मुनाफा) एक्सपायरी के दिन ABC लिमिटेड का शेयर उम्मीद के मुताबिक बढ़कर ₹230 हो गया.

स्थिति 2: भविष्यवाणी गलत हुई (नुकसान) शेयर का भाव बढ़ने की बजाय एक्सपायरी पर ₹210 या उससे नीचे ही रह गया.


उदाहरण 2: पुट ऑप्शन (जब आपको मंदी की आशंका हो)

अब मान लीजिए कि आपको लगता है कि ABC लिमिटेड का ₹200 का शेयर गिरने वाला है. आप इस गिरावट पर दांव लगाकर पैसा कमाना चाहते हैं.

अब एक्सपायरी पर दो स्थितियां हो सकती हैं:

स्थिति 1: भविष्यवाणी सही हुई (मुनाफा) शेयर टूटकर ₹140 पर आ गया.

स्थिति 2: भविष्यवाणी गलत हुई (नुकसान) शेयर का भाव गिरने की बजाय ₹190 या उससे ऊपर ही बना रहा.

कैश ट्रेडिंग से कैसे अलग है?

कैश ट्रेडिंग किसी मजबूत पेड़ का बीज बोने जैसा है, जो समय के साथ बढ़कर मीठे फल (मुनाफा और डिविडेंड) देता है. वहीं, F&O ट्रेडिंग तूफानी समंदर में लहरों पर सवारी करने जैसा है, जहां सही लहर आपको बहुत आगे ले जा सकती है और एक गलत लहर सब कुछ तबाह कर सकती है. इसलिए, इस बाजार में उतरने से पहले पूरी जानकारी और जोखिम प्रबंधन (Risk Management) की तैयारी बेहद जरूरी है.

ट्रेडिंग तुलना

कैश ट्रेडिंग बनाम फ्यूचर और ऑप्शन

💰

कैश ट्रेडिंग (इक्विटी)

उद्देश्य:
कंपनी की ग्रोथ में हिस्सेदार बनना
स्वामित्व:
हां, आप कंपनी के शेयरहोल्डर (हिस्सेदार) बनते हैं
भुगतान अवधि:
आपको शेयर की पूरी कीमत चुकानी पड़ती है
जोखिम:
आप शेयरों को अनिश्चित काल तक रख सकते हैं
लाभांश (डिविडेंड):
मिलता है, और सीधे आपके खाते में जमा होता है
📈

फ्यूचर और ऑप्शन (F&O)

उद्देश्य:
छोटी अवधि में कीमत के उतार-चढ़ाव का लाभ उठाना
स्वामित्व:
नहीं, आपको कोई मालिकाना हक नहीं मिलता
भुगतान अवधि:
कॉन्ट्रैक्ट की एक एक्सपायरी डेट (Expiry Date) होती है, जिसके बाद वो बेकार हो जाता है
जोखिम:
असीमित: खासकर फ्यूचर और ऑप्शन बेचने वालों के लिए जोखिम असीमित हो सकता है
लाभांश (डिविडेंड):
नहीं मिलता

यहां ये बताना भी बहुत जरूरी है कि मार्केट रेगुलेटर SEBI की 2023 की एक स्टडी के मुताबिक, Future and Option में 90 फीसदी से ज्यादा ट्रेडर पैसा गंवाते हैं. आप चाहें तो यहां क्लिक करके इस स्टडी को डीटेल में पढ़ सकते हैं

आप यहां कमेंट के जरिए या fintaaraweb@gmail.com पर मेल भेज कर बता सकते हैं कि F&O पर आप और किस तरह की जानकारी चाहते हैं. हम कोशिश करेंगे कि आपको डीटेल आर्टिकल के जरिए वो जानकारी मुहैया करा सकें. 

डिस्क्लेमर: शेयरों या F&O में ट्रेडिंग या निवेश से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह जरूर लें. यहां सिर्फ एक्सपर्ट्स का नजरिया दिया गया है. आपको हुए किसी भी वित्तीय नुकसान के लिए, आप स्वयं जिम्मेदार होंगे.

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